उतर गया है....
छोड़ दिया हूं तेरा हर सवाल का जवाब देना ।
शायद तेरे सवालों का नशा अब उतर गया है ।
अब नहीं आता तुझसे इश्क़ करना, करवाना ।
शायद तेरे गमों का आशियाना अब उत्तर गया है।
अब नहीं आता नजर तुझमें ओ चांद वे सितारें ।
शायद तेरे खयालों का सिलसिला अब उत्तर गया है।
अब नहीं रही तू मेरी लैला नहीं रही मेरी जान।
शायद तेरे दिलसे मेरी जान अब उतर गई है।
जातिभेद को तोड़कर मस्जिद मन्दिर एक कर देता।
शायद तेरे दिल में मेरे मां बाप प्यार अब उतर गया है।
अब तेरे-मेरे रिश्ते में तेरे-मेरे दो रास्ते हो गए हैं ।
शायद दिनेश एक रास्ते का खयाल अब उतर गया है।
©️ दिनेश राठोड (जिजाईसुत)
चाळीसगाव (जळगांव)
छोड़ दिया हूं तेरा हर सवाल का जवाब देना ।
शायद तेरे सवालों का नशा अब उतर गया है ।
अब नहीं आता तुझसे इश्क़ करना, करवाना ।
शायद तेरे गमों का आशियाना अब उत्तर गया है।
अब नहीं आता नजर तुझमें ओ चांद वे सितारें ।
शायद तेरे खयालों का सिलसिला अब उत्तर गया है।
अब नहीं रही तू मेरी लैला नहीं रही मेरी जान।
शायद तेरे दिलसे मेरी जान अब उतर गई है।
जातिभेद को तोड़कर मस्जिद मन्दिर एक कर देता।
शायद तेरे दिल में मेरे मां बाप प्यार अब उतर गया है।
अब तेरे-मेरे रिश्ते में तेरे-मेरे दो रास्ते हो गए हैं ।
शायद दिनेश एक रास्ते का खयाल अब उतर गया है।
©️ दिनेश राठोड (जिजाईसुत)
चाळीसगाव (जळगांव)